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हाइकु 123 / लक्ष्मीनारायण रंगा
Kavita Kosh से
बदळ रैया
आजकल मौसम
मिनखां दांई
मितरा मांय
मिलसी मोकळा ई
दो मूंडा नाग
बै भी भगत
जिका पूजै मन सूं
जीव जगत