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हाइकु 34 / लक्ष्मीनारायण रंगा
Kavita Kosh से
अमृत-धारा
थारै होठां बै‘वती
मीठी मुळक
अखी होळका
भस्म हुवै प्रह्लाद
कळजुग है
आ राजनीति
जन्में मामा शकुनी
युधिष्ठिर नीं