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हाइकु 35 / लक्ष्मीनारायण रंगा
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देवै उजाळो
उणी दिये नैं करै
सै नमस्कार
अगरबत्ती
कण-कण हूं राख
देवै सुंगध
रंगमंच पे
करां एंट्री-एग्जिट
जीवण मौत