सींवणै पछै
कुण राखै है पूछ
सुई-डोरै री
नईं बांधी‘जै
म्हारी अथाग पीड़
छंन्दां रै बंधां
धरती मा री
कूख, जिको जन्में
मा-जायो हुवै
सींवणै पछै
कुण राखै है पूछ
सुई-डोरै री
नईं बांधी‘जै
म्हारी अथाग पीड़
छंन्दां रै बंधां
धरती मा री
कूख, जिको जन्में
मा-जायो हुवै