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हाइकु 50 / लक्ष्मीनारायण रंगा
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होळी मनावां
रंगां अंग रंगावां
मन कोढियो
बादळ करै
थोड़ो छांटां-छिड़को
कंजूस घणो
पतझड़ ई
रूंखां नै करै नागा
पैरावै नुंवा