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हाइकु 61 / लक्ष्मीनारायण रंगा
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धोरे पे चांद
दो रूंख गळबाथां
हां, थूं अर हूं
हथळेवो है
सात जन्मां रो साथ
टूटै छिण में
पीळी बाळू पे
हरी बेलां सोने में
जड़िया मूंगा