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हाइकु 84 / लक्ष्मीनारायण रंगा
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बणीं मसीनां
मालिक, तो मरैला
मिनखपणो
राजनेता हां
पूंछ भी हिलालां‘र
भूख भी लां
कीं नईं खायो
नीं घर ई बणायो
कांय रो नेता?