भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
हाजिर हो कर / इमरोज़ / हरकीरत हकीर
Kavita Kosh से
जब भी मेरा दिल करता है
भगवान से मिलने का
भगवान मुझे धरती पर
हाजिर दिखने लगता है
और मैं हाजिर हो कर
हाजिर से मिल लेता हूँ
हाजिर को हाजिर हो कर
सब मिल जाता है
जो बताया नहीं जा सकता
हाजिर हो कर
जाना जा सकता है...