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हादसा / शहनाज़ इमरानी

एक हादसा हुआ
कहाँ हुआ क्यों हुआ
इससे क्या फ़र्क़ पड़ता है

हादसे के बाद
दूसरे हादसे का इन्तज़ार
ज़्यादा नहीं करना पड़ता

कुछ नाकें सूँघ सकती हैं
कुछ आँखें पढ़ सकती है
कुछ साँसें तेज़ होकर
इज़हार करती हैं
और कुछ साँसे
मुतावातिर चलती रहती हैं।