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हाय हाय हे बागां की कोकिल / हरियाणवी

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हाय हाय हे बागां की कोकिल
आंख नींबू की फांक
बच्ची सोने की चिड़िया
हाय हाय बच्ची सोने की चिड़िया
मूंगफली सी आंगूली
नाक सुए की चोंच
होठ पीपल के पात से
किन तेरी बांधी अर्थी
बच्ची सोने की चिड़िया
हाय हाय बच्ची सोने की चिड़िया
किन तेरी चिंता चिनाई
कन्तै चिता चिनाई
घर तें क्यों कर निकली
फिर कब आवेंगी बच्ची
बायें बोली कोतरी
सिर पर बोला काग
क्या मांगे है कोतरी जी
क्या मांगे है काग
सिर मांगे है कोतरी जी
धड़ मांगे है काग
ओढ पहर के नीकली
...(शहर का नाम) के तख्त बाजार
लोग महाजन न्यूं कहैं
किस की बन्नी जाय
बन्नी बन्नी मत करे
...(पति का नाम) की रानी जाय
अरी तेरा बाबल फिरै उदास
तेरी अम्मा जोहै बाट
अम्मां कौन पुकारै
भैया तेरा लेने आया
एक बार नैहर जाय
चाची ताई तेरी रोवै
उन को रोकन आय
गहनां का डिब्बा भरा धरा है
एक बार पहर दिखाय