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हाले दिल मेरा सुनो अपना सुनाओ यारो / विजय 'अरुण'

हाले दिल मेरा सुनो अपना सुनाओ यारो
हो अगर यार तो यारी को निभाओ यारो।

कुछ तो ऐसा हो अगर मुझ पै कभी वक़्त पड़े
काम आओ न अगर, याद तो आओ यारो।

तुम ये कहते हो सदा तुम ने मिरा साथ दिया
इक इसी बात पै आंखें तो मिलाओ यारो।

हुस्न फिर हुस्न है वह मुझ को सताए भी तो क्या
तुम मिरे यार हो तुम तो न सताओ यारो।

डूब जाओगे अगर मुझ को बचाने आए
है बहुत तेज़ मुहब्बत का बहाओ, यारो।

दिल के जब जाम मुहब्बत से है ख़ाली तो फिर
पेश करते हो ये क्या जाम, हटाओ यारो।

कितना मुख़लिस था 'अरुण' कितना वह यारों का था यार
उस को भी आप ने धोका दिया, जाओ यारो।