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हुवै जद म्हारै सागै भायला / सांवर दइया

हुवै जद म्हारै सागै भायला
आ सांस सोरी लागै भायला

अब कोसां तांई चाल्या बगसूं
सोच कांई है आगै भायला

आ बाजी जीतांला आपां ई
मन में आ आस जागै भायला

छोड छिटका परै जाता म्हैं ई
बांध्या कंवळै धागै भायला

आ ओळूं ई धन थारो-म्हारो
आई चालसी सागै भायला