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हे बेहुदी उल्टी होले आड़ै के शान दिखावण आई सै / मेहर सिंह

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वार्ता- जब अंजना की सास उस को घर से निकाल देती है और अंजना अपनी मां के पास पहुंचती है तो उसकी मां उस अंजना को लिहाज के कारण अपने पास रखने में असमर्थ होती है तो उसकी मां क्या कहती है-

हे बेहुदी उल्टी होले आड़ै के शान दिखावण आई सै।टेक

हे बेहुदी तनै मेरी लजा दी कूख
रंज में गया बोलता सूख
शरीर के फूंक बणा दिये कोले आज म्हारी सारै लोग हंसाई सै।

ये शरीर मुफत मैं खपणे
चाहिऐ थे नाम हरि के जपणे
ईब अपणे कर्मा नै रोले चली जा बदमाश पेट की तू जाई सै।

कदे थी तेरे हाथ मैं डोर
आज यो किसा रच दिया महाघोर
कितै और ठिकाणा टोहले चली जा या बण खंड की सूधी राही सै।

तेरी करणी मैं पड़ग्या भंग
न्यू बिगड़्या काया का ढंग
मेहर सिंह सतगुरु जी न्यूं बोले यो गाणा सबतै कष्ट कमाई सै।