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हैप्पी न्यू इयर / शरद कोकास
Kavita Kosh से
पिछला साल तो कब का मर चुका था दंगों में
याद नहीं कब उसकी लाश को
उढ़ाया हमने कफन
याद नहीं कब उसकी कब्र पर
जलाए हमने दिये
याद नहीं कब उसकी तस्वीर
टांग दी हमने कमरे में
हम कहते हैं उसे जलाया है हमने
हम कहते हैं उसे दफनाया है हमने
या फेंक दिया है चील कौओं के सामने
राम नाम सत्य है रटते हुए हम
वाहे गुरू सतनाम कहते हुए हम
चुपचाप मर्सिया पढ़ते हुए हम
इस नए साल के जन्मोत्सव पर
आओ तय कर लें
नहीं घोषित होने देंगे
मुर्दाफरोशों द्वारा
एक और साल की शहादत।