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होमोहाइडेल वर्गेसिस / अज्ञेय
Kavita Kosh से
यहाँ जो खोपड़ी मिली थी
मेरी तो नहीं ही थी,
निश्चय ही मेरे किसी पूर्वज की भी नहीं थी।
हम क्या थे, कौन हैं
यह हम पाँच महीने
पाँच बरस, पचीस बरस बाद ही
निश्चयपूर्वक नहीं कह सकते-
पर हम कौन क्या नहीं थे
यह हम पाँच लाख साल बाद भी
ध्रुव जानते हैं।
हाइडेलबर्ग, 3 फ़रवरी, 1976
हाइडेलबर्ग के निकट प्राक्कालीन मानव की अस्थियाँ पायी गयीं तो इस विशिष्ट मानव उपजाति की ‘हाइडेलबर्गीय मानव’ (होमो हाइडेलबर्गेसिस) का नाम दिया गया। इन्हीं पुराखंडों में पायी गयी खोपड़ी इस कविता का आधार है।