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होरी रंग महलमे खेलत अवध नरेश / मैथिली लोकगीत

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मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

होरी रंग महलमे खेलत अवध नरेश
अतर गुलाल अबीरक झोरी, लखन सहित जगदीश
आनन्द अति छाय हृदयमे, खेलत अवध नरेश
झालि मृदंग पखावज बाजे
डफली बांसुरी झमकार, होरी रंग महल मे....
गान करत सब सखियन मिलि
ध्यान रहित भेला नरेश
वीणा धुनि कए नारद थकित भयो
ऋषि मुनि सभ धायो, तुरत इन्द्रादि देव सभ आयो
खेलय चाहत फनीश, मही मानो डोलत