होली है जी होली है, बुरा न मानो होली है। 
रंग खेलने निकली सबसे फिर बच्चों की टोली है। 
रंग-अबीर-गुलाल लिये हैं, 
हाथों में पिचकारी। 
आज न बचने पाये कोई, 
ऐसी है तैयारी। 
'पापा-मम्मी को रँग दूँगी' गुड़िया रानी बोली है। 
होली है जी होली है, बुरा न मानो होली है। 
कोई लाल-लाल दिखता है, 
कोई-काला-काला। 
लंगूरी बन्दर-सा दिखता, 
सबका रूप निराला। 
कोई ऐसा रंग-बिरंगा जैसे रँगी रँगोली है। 
होली है जी होली है, बुरा न मानो होली है। 
होली का आनंद उठायें, 
गुझिया-पापड़ खायें। 
सबके साथ सदा हिल-मिल कर, 
हम त्यौहार मनायें 
हर कोई प्यारा है अपना हर कोई हमजोली है। 
होली है जी होली है, बुरा न मानो होली है।