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हो जाओ हो जाओ दयाल महामाई अबकी बेर / बुन्देली

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

हो जाओ हो जाओ दयाल महामाई अबकी बेर
सोरह गऊ के मैया गोबर मंगाये मोरी माता
तो रुच-रुच भुवन लिपाये मोरी माता
तो मुतियन चौक पुराये मोरी माता
तो चंदन के पलना डराये मोरी माता।
अबकी बेर
चंदन पटरी डराओ मोरी माता
चौमुख दिया जलाओ मोरी माता
अबकी बेर
अपने ललन खों कंठ लगायें मोरी माता
अबकी बेर