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हौ एत्तेक बात नरूपिया कहै छै / मैथिली लोकगीत

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

हौ एत्तेक बात नरूपिया कहै छै
तब जवाब सुगना दै छै
सुनऽ सुनऽ हौ दादा नरूपिया
अलख रूपी जे देवता लगै छै
पोथी पुरान राजा ललऽ
टेंटुआ पेंप आइ दादा लगौबीयौ
चारू अंगुरी चनन गाजा
लोटा पितरिया हाथ लगा कऽ
पंडित रूप निरमोहिया दादा धऽ लीयौ हौ।
पंडित रूप नरूपिया धरै छै
पोथी पुरान नरूपिया दै छै
लोटा पितरिया हाथ लगौने
बुढ़वा पंडित देवता बनि गेल
मानिकदह पर राजा निकैले
चारू घाट मलीनियाँ रोकने
पाँचो बहिनियाँ विचार करै छै
सुन गे बहिना बहिन बहिनपा
केकरा भागमे स्वामी अऔतौ
पाँचा बहिनियाँ कोहबर सजैय
जेकरे भागमे चोरबा अऔतै
स्वामी पकड़िहे मानिकदहमे
मारिहे जादू सुग्गा बनबिहे
सुग्गा बना पिंजड़ामे रखीहें
से पिंजड़ा मोरंगमे जेबै
युग युग राज मोरंगमे भोगबै यौ
पाँच बहिनियाँ सती मलीनियाँ
घाट बैठिकऽ मलीनियाँ बैठल
दादा नरूपिया मानिकदह गेलै
बुढ़वा पंडित बुढवा बनलै
घाट ऊपर नरूपिया जाइ छै
द्वितीया चान मलीन करै छै
लह-लह लह-लह मलीनियाँ करैय
तखनी सुरैत मालीन के देखै छै
दादा निरूपिया छगुन छगुन करै छै
बुझि पड़ै छै छियै मलीनियाँ
घाट रोकि मलीनियाँ बैठल
कोन घाट स्नान हम करबै
केना स्नान हम मानिकदह के करबै यौ।।