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हौ एत्तेक बात नरूपिया देवता सुनै छै / मैथिली लोकगीत

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

हौ एत्तेक बात नरूपिया देवता सुनै छै
मनमे विचार नरूपिया करैय यौ
सुन ले हौ राजा सुनि लै हौ राजा दरबी
जेल के घरमे हमरा बन्हियौ
हम नइ नौकरी ड्योढ़ीमे करबै
नाम हँसी हमरा हेतै
जखनी जे बुझतै बौआ मोतीराम
हमरा नाम हँसी महिसौथा गढ़मे होयतै यौ।
हौ एत्तेक बात जे देवता कहै छै
तेकर जवाब आइ राजा कहैय
सुनऽ सुनऽ हौ दादा नरूपिया
तोरा कहै छी दिल के वार्त्ता
अढ़ाई दिन खातिर नौकरी गछियौ
नौकर खोजि लेबै कोहबर घरमे।
चुहर नाम आय खारिज देवता कऽ दैबै हौ।।
राजा के बात आय देवता मानै छै
तखनी नौकरी खारिज चुहर के भेलै
तब जवाब हौ राजा करै छै
सुन ले बौआ बौआ पलटनियाँ
कत चुहरा कत छेलै
जल्दी मँगा चुहरा के दियौ
जते दरमाहा चुहर के हेतै
सभ दरमाहा चुहर के दहक
दरमाहा दऽकऽ चुहरा के बेला दीयौ हौ।।