हौ सुनियौ हौ वरणन श्यामलगढ़मे
हा श्यामल राजा श्यामलगढ़मे
हा बेटी जनम श्यामलगढ़ लेलकै
श्यामल सिंह के बेटी जनमल छै
हौ श्यामलवत्ती नाम जखनी पड़ि गेलै यौ।
हौ जइ दिन जनम श्यामलगढ़ लेलकै
शोइरी घरमे अँचरा बन्हलऽ
गै देवी दुर्गा देवी असावरि
अहाँ कहै छी दिल के वार्त्ता
बड़-बड़ लीला श्यामलगढ़ केलकऽ
बिना नाम के हाथ उठौलकै
शोइरी घरमे अँचरा बन्हने
गै तुलसी चौड़ा जल ढ़ारलकै
हाथी चढ़िकऽ गौड़ पूजलीयै
दीनानाथ के हाथ उठौलियै
सवा पहर दिन उठै बेरमे
माघ महीना गंगा नहेलियै
गंगामे एकटंगा देलीयै
गंगा माइ के सुमिरन केलीयै
बड़-बड़ लीला श्यामलगढ़ केलीयै
तऽ स्वामी वर महिसौथा मँगलियै
सासुर राज महिसौथा मँगलौं
विनती केलीयै शिव बाबा के
सात बहिनियाँ योगिनी पूजेलीयै
बड़-बड़ लीला श्यामलगढ़ केलीयै
हा बौआ बुधेर पर अँचरा श्यामल बान्हि लेलीयै यौ।
बारह बरिस आइ श्यामलगढ़मे बीतै छै
एकोनइ समधिया श्यामलगढ़ जाइयऽ।
तरूणी वयस मैया हमरा बीतै छै
कोहबर घरमे रानीयाँ कनैय।
सुनि ले गे देवी देवी असामरि
कते दिन कुमार हम रहबै।
बाबू बेइमान श्यामलगढ़मे भेलै।
गै बारह बीघा बाबू श्यामल सिंह रखने
के तऽ वीर आइ दुनियाँ जनमलै
हमर बात श्याम सिंह कहतै।
हौ प्रण केलकै श्यामलगढ़मे
राज श्याम सिंह बेटी दुनियाँ पैदा लेतै
ओकरे वीरा पान चढ़ौतै
सुनै छी मैया महिसौथा के
हमर ब्याह मैया कहिया हेतै
कोहबर घरमे दुर्गा जुमि गेल
सुनि गै देवी देवी असावरि
सबके बिआह सगुन वर भेलै
हमर बिआह मैया अगिया किया लगि गेलै गै।
हौ एत्तैक बात बोलै छै योगिनियाँ
तोरा कहै छी दिल के वार्त्ता
एमरी दिन दिन ने बीतलै
हम जाइ छी राज महिसौथा
हम कहबै मोतीराम के
सात सय पाठा नित खेलाबै
डोलीयाँ फनाँ के तोरा जखनी लऽ जेतौ गै।
भागल दुर्गा महिसौथा के चलै छै
साँमैरवत्ती के दरशन करैय
घड़ी राति वोन अैगली बीतलै
घड़ी राति बोन पैछली बीतलै
गाम-गाममे बोल पडै छै
गीदड़ भालू गुड़गुड़ी मारै छै
सन सन सन सन गाला उठै छै
तहि तऽ समय दुर्गा कोहबर घरमे जुमि गेलै यौ।
हौ हकन कानि दुर्गा जे कहै छै
हा सुन गे बेटी साँमरिवती
सबके बिआह महिसौथा भऽ गेल
एक्के जे कुमार बुधेसर रहलय
ओकरा ले कनियाँ आइ जोगौलियै
शोइरी घरमे अँचरा बन्हलकै
बाँन्हल अँचरा बान्हल रहि गेल
वयस ुढ़ा गेलै बेटी श्यामल सिंह के
आइ बिअहबा दीअरबा के कऽ दीयौ यै।।
एत्तेक बात आय दुर्गा बोलै छै
हा अचकिं नींन साँमैर तोड़ै छै
झूकि प्रणाम दुर्गा के करै छै
सुन सुन गे देवी देवी असावरि
कोन बिपैत मइया तोड़ा पड़ि गेल
तेकर हलतिया मैया हमरा कहि दे
सब हलतिया मैया कहि देलकै यै।
एत्तेक बात सती साँमैर सुनै छै
मनमे विचार सती साँमैर करै छै
सब बिआह महिसौथा करेलियै
एकटा कुमार बौआ बुधेसर रहलै
स्वामी जे गेल छै बेलकागढ़मे
हा बौआ मोतीराम फलका पर खेलै छै
सात सय गै पाठा बौआ खेलाबय छै
हा केकरा समधिया श्यामल गढ़मे भेजबै गै।।
सुन सुन देवीया देवी असावरि
केना ब्याह बौआ के करेबय।
सुन सुन गै बेटी दुलहिनियाँ
सुग्गा हीरामनि ड्योढ़ी पर छै
जल्दी भेजियौ समाध आइ गे
सब मिलि बेटा बिअहीयौ
दिन लऽ कऽ हजमा जेतै
दिन मना हजमा के दही।
दिन मनाब श्यामल गढ़मे जइहौ।
हौ एत्तेक बात जे दुर्गा कहै छै
बेलकागढ़मे हीरामनि सुग्गा जुमलै
झूकि प्रणाम देवता के केलकै
सुनऽ सुनऽ हौ सुग्गा हीरामनि
कोन जरूरी तोरा पड़लौ
किया कारण हौ बेलका जुमलह
लेकर हलतिया हमरा कहिदह।
किया करणमा आइ बेलकागढ़मे एलहक यौ।
तेकर जवाब सुगना कहै छै
हा सुनऽ सुनऽ हौ राजा दरबी
तोरा कहै छी दिल के वार्त्ता
हौ भेलै जरूरी मैलकिनियाँ के
हा जल्दी से चलियौ राज महिसौथा
आ जल्दी से चलियौ महिसौथा के नगरमे ने यौ।।
हौ एत्तेक बात नरूपिया सुनै छै
हा बेलकागढ़ से नरूपिया जुमलै
कोहबर घरमे जुमि गेलै
सुनऽ सुन हे स्वामी सुनिलय
दिल के वार्ता तोरा कहै छी
हा सभ के बिआह सब मिली केलऽ
बौआ मोती के ब्याह रचौलऽ
आ एक्केटा कुमार बुधेसर बौआ रहि गेलै।।
ओकर ब्याह जल्दी करबीयौ
हा कनियाँ जनमलै श्यामलगढ़मे
हा श्यामल सिंह के बेटी लगै छै
श्यामलबती नाम लगै छै
बौआ जोकर लड़की आइ श्यामलगढ़मे लगै छै यौ।।