भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
१९६५ / असद ज़ैदी
Kavita Kosh से
मैं आपा के बारे में बात कर रहा हूँ जो
अम्मी के बारे में बात करती थी जो शौहर के बारे में
बात करती थीं जो उस अफसर के बारे में बात करते थे
जो देश के बारे में बात करता था जो
युद्ध के बारे में बात कर रहा था चीखते हुए उन दिनों
पाकिस्तान के बारे में फिलहाल कोई बात नहीं करूंगा !