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७२० / २५० असलहों का कारीगर-1 / अनिल पुष्कर

अख़बार की सुर्ख़ियों में पढ़ना
‘बिलाल’ मेरा नाम

किसी को
ख़बर नहीं, क्या हुआ ?

उसने कहा -- निशाना चूकना नहीं चाहिए इस बार
जिन लोगों ने सुना, मन में सन्देह और डर,
किसे मारने की योजना है ?

कोई किसी को इस तरह षड्यन्त्र रचे मार सकता है ?
क़ातिल ने किसी भी टिप्पणी से इनकार किया ।

हैरानी इस बात पर है कि योजना के मुताबिक़
जिनकी मौत तय थी
उन्हें मार दिया गया ।

और क़तिल की ताजपोशी हुई ।