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ॻोल्हा / लछमण भाटिया 'कोमल'
Kavita Kosh से
शायद को कुझु चई रहियो आ
सांति बि सुॾिको भरे रही आ
या शायद ही शहर में घुमन्दडु सन्नाटो
हादसो कोई ॻोल्हे पियो!