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21 / हीर / वारिस शाह

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अठखेलया<ref>नट-खट</ref> अहंल<ref>मौजी</ref> दीवानया वे थुकां मोढयां दे उतों सटना एं
चीरा बंन के भंबड़े<ref>घुंघराले</ref> वाल चोपड़ विच त्रिंजणा फेरियां घतना एं
रोटी खांदयां लून जे पवे थोड़ा चा अंगणे विच पलटना एं
कम करें नाहीं हच्छा खाएं पहनें जढ़ आपने आप नूं पटना एं

शब्दार्थ
<references/>