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28 जनवरी 1980, आज का दिन मुझे मनाने दीजिए / विंदा करंदीकर / चन्द्रकान्त बान्दिवडेकर

आज आर. के. लक्ष्मण ने लिखी
आधुनिक भारत की सर्वश्रेष्ठ विद्रोही कविता
आधी रेखाओं में आधी शब्दों में :

‘‘नगरपालिका ने सफ़ाई के लिए
कचरे के ढेर यहाँ से हटाए
तो हम भूख से मरेंगे’’

आज का दिन मुझे मनाने दीजिए

कचरे में से अन्नांश उठा कर
जीवित रहने का अधिकार
अपने संविधान में अन्तर्भूत है क्या ?
ऐसा न हो तो,
सार्वजनिक वस्तु की चोरी करने के अपराध में
अपनी सरकार इन लोगों पर
नालिश दाग सकती है या नहीं ?

—इससे पहले कि जानकार इन प्रश्नों का निर्णय करें

मुझे आज का दिन मनाने दीजिए

मराठी भाषा से अनुवाद : चन्द्रकान्त बान्दिवडेकर