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403 / हीर / वारिस शाह

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चीना रब्ब ने रिजक बना दिता ऐब घरीना त्रखड़ी जुखयां दा
अन्न चीने दा खाईए नाल लसी सुआद आंवदा टुकड़यां रूखयां दा
बनन पिंनीयां एसदे चावलां दीयां माई बाप है नगयां भुखयां दा
वारस शाह मियां नवां नजर आया एह चालड़ा लुचयां खुचयां दा

शब्दार्थ
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