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450 / हीर / वारिस शाह

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रन्न दहसरे<ref>रावण</ref> नाल जो गाह कीता राजे भोज नूं दन लगामियां ने
सिरकप ते नाल सलवान राजे वेख रन्नां ने कीतियां खामियां ने
मरद हैन जा रखदे हेठ सोट सिरी चाड़ियां उन्हां ने कामियां ने
वारस नही दाहड़ी नक कनपाटे कौन भरेगा तिन्हां दियां हामियां ने

शब्दार्थ
<references/>