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572 / हीर / वारिस शाह

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रांझे हथ उठाय दुआ मंगी तेरा नास जबार कहार साई
तूं ते अपने नाम कहर पिछे एस शहर नूं कादरा अग लाई
सारा शहर उजाड़ के साढ़ रब्बा रख लई हैवान ते माल गाई
साडी शरम रहे करामात जागे बंने बेड़ियां साडियां जा लाई
वारस शाह पीरां सुनी कूक साडी अज राजे दे शहर नूं अग लाई

शब्दार्थ
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