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64 / हीर / वारिस शाह
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तुसां जेहे माशूक जे थीन राजी मंगू<ref>भैसों का टोला</ref> नयनां दी धार विच चारीये नी
नयनां तेरियां दे असीं चाक होये जिवें जीऊ मन्ने तिवें सारीये नी
किथों गल कीजे नित नाल तुसां कोई बैठ विचार विचारीये नी
गल घत जंजाल खंगाल मोरें जा त्रिजणी बड़ें कुआरीये नी
शब्दार्थ
<references/>