कुछ बातें / अनिता भारती

सुनो भइया,
कितनी सुंदर होती है
वह आजादी
जो केवल
अपने लिए होती है

सुनो भइया,
कितनी सुंदर होती है
वह बहस
जिसमें निर्णय तो लिए जायें
पर न किया जाये
उन्हें लागू
किसी के हित में

सुनो भइया,
किसी सुंदर होती है
वह दुनिया
जिसमें हम रात-दिन
सपने देखे
सबकी बराबरी के
मगर जागते हुए मौन रह जाये
बराबरी के सवाल पर

सुनो भइया,
कितनी सुंदर होती हैं
वह औरतें
जो दहलीज फाँद जाती हैं
पर घर की औरत
रहे दहलीज में
इसके लिए
करते हैं प्राण-प्रण
पूरी कोशिश

इस पृष्ठ को बेहतर बनाने में मदद करें!

Keep track of this page and all changes to it.