यह कौन / कुलवंत सिंह

यह कौन घर सजा गया! यह कौन घर सजा गया?

हर वस्तु को उसका, पता ठिकाना बता गया.
यह कौन घर सजा गया! यह कौन....

तम विचरित नीड़ में, किरण पुंज बिखरा गया.
यह कौन घर सजा गया! यह कौन....

जहां निराशा बसती थी, आशा के दीप जला गया.
यह कौन घर सजा गया! यह कौन....

जहां न खिलते थे प्रसून, अधर कुसुम खिला गया.
यह कौन घर सजा गया! यह कौन....

जहां न तिरते थे सुर, राग मल्हार गा गया.
यह कौन घर सजा गया! यह कौन....

उर तपता था जहां, शीतलता बिखरा गया.
यह कौन घर सजा गया! यह कौन....

सूनेपन का था प्रवास जहां, खुशियों को बिखरा गया.
यह कौन घर सजा गया! यह कौन....

प्रीत से था बैर जहां, हृदय हलचल मचा गया.
यह कौन घर सजा गया! यह कौन....

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