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विनय कुमार से जुड़े हुए पृष्ठ
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देखें (पिछले 50 | अगले 50) (20 | 50 | 100 | 250 | 500)- मिट्टी हुई है लावा, दहका हुआ फ़लक है / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- तेरी आँख नम तू बुझा हुआ / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- फ़ल्सफ़े में फ़ँस गए हम सब्र में घाटा हुआ / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- कह रहे औज़ार साये से कि घबराये नहीं / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- फूल जैसा खिला खिला कहिए / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- मेहरबानी बाँटिए, नामेहरबानी बाँटिए / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- फ़कीरों के लिए खोटी चवन्नी फेंकते रहिए / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- संतों ने साहिबान ने छोटा किया मुझे / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- दर्द खोटा क्यों लगा, सोना खरा कैसे लगा / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- आग ग़ज़लों को पिलाकर सर्दज़ाँ हो जाइए / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- कुछ लोग इस तरह से ख़बरें खुरच रहे हैं / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- हमको परहेज़ है साहब कहाँ बदलने से / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- चाहिए इसको विभीषण इसे लंका चाहिए / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- उर्दू में ग़ज़ल कहिए हिन्दी में ग़ज़ल कहिए / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- आपकी खुशुबुएँ उड़ा लाए / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- झील लिखिए कि समंदर लिखिए / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- मुल्क को चौहियों से वह दिलाएगा निज़ात / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- चांद से नाराज़ हूँ मैं, चांद है मुझ से ख़फ़ा / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- लगी है आग हवाओं से बात करता है / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- हर तरफ़ स्याह समंदर दिखाई देता है / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- जहाँ बर्फ की निर्मम परती रहती है / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- एक सच के मायने सौ कर लिए मुमकिन जनाब / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- सब समझते हैं क्या ज़रूरी था / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- शेख पीते तो नहीं हैं शराबखाने में / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- जिसने प्रतिबंधों का दर्द सहा होगा / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- मैं नदी का शोर हूँ मैं हूँ परिंदों का बयान / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- आपकी शह पर कुएँ का जल समूचा पी गयी / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- आततायी जल हटाना चाहते हैं बुलबुले / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- कोई मस्त मलंग लिफ़ाफ़ा / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- जो भी अपनी गांठे ज़्यादा बाँधेगा कम खोलेगा / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- आप तालाब में ज़हर रखिए / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- एक पत्थर को निशाना साधकर छोड़ा गया / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- चांदी खो कर चांद सुनहरा सूरज से जाकर पूछो / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- कर रहे हैं सब हरे पत्ते इसे महसूस / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- पर समेटे बदन-बदन चिड़िया / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- किन रिवाज़ों के शहर में आ गए बसने लगे / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- बरसात है, हर शख़्स का घर डूब रहा है / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- बारिशों की रहमतें जर्जर घरों से पूछिए / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- सिर्फ अपनी आँख में कब तक बड़ा कोई रहे / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- गढ़ गया होगा उसे भी क्या सियासी चाक है / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- दंश की आदत छुडा दें शब्द तो कुछ बात हो / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- कुछ तो उठा ज़मीं से, कुछ आसमां से उतरा / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- कितने सैनिक, कितने पहरे / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- जंगल से भाग आए थे हम आग के डर से / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- सोचा था सोचों को हम लें सींच बहस में / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- गर्म है सच की चिता / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- बोलतीं आँखें यक़ीनन देवता सोया न था / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- खिज़ां के खुश्क पत्तों से जहाँ बिखरे हुए चेहरे / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- रात अपनी स्याहियों से धो गयी है / विनय कुमार (← कड़ियाँ)
- क्या इसमें अब सिज़दा करना / विनय कुमार (← कड़ियाँ)