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+ | असग़र हुसैन साहब ‘असग़र’ के पूर्वज गोरखपुर ज़िला निवासी थे। आप के पिता गोण्डा में क़ानूनगो थे। उन्होंने वहीं से पेंशन ली और फिर स्थाई रूप से वहीं बस गए थे। | ||
असग़र १ मार्च १८८४ई. को पैदा हुए। घरेलू वातावरण और आर्थिक स्थिति अनुकूल न होने के कारण स्कूली शिक्षा व्य्वस्थित रूप से न हो सकी। यूँ फ़ारसी-अरबी का अच्छा ज्ञान था। अंग्रेज़ी भी समझ-बोल लेते थे। लेकिन यह सब उनके निजी अध्यवसाय और परिश्रम का परिणाम था। | असग़र १ मार्च १८८४ई. को पैदा हुए। घरेलू वातावरण और आर्थिक स्थिति अनुकूल न होने के कारण स्कूली शिक्षा व्य्वस्थित रूप से न हो सकी। यूँ फ़ारसी-अरबी का अच्छा ज्ञान था। अंग्रेज़ी भी समझ-बोल लेते थे। लेकिन यह सब उनके निजी अध्यवसाय और परिश्रम का परिणाम था। |
11:42, 2 जनवरी 2011 के समय का अवतरण
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असग़र हुसैन साहब ‘असग़र’ के पूर्वज गोरखपुर ज़िला निवासी थे। आप के पिता गोण्डा में क़ानूनगो थे। उन्होंने वहीं से पेंशन ली और फिर स्थाई रूप से वहीं बस गए थे। असग़र १ मार्च १८८४ई. को पैदा हुए। घरेलू वातावरण और आर्थिक स्थिति अनुकूल न होने के कारण स्कूली शिक्षा व्य्वस्थित रूप से न हो सकी। यूँ फ़ारसी-अरबी का अच्छा ज्ञान था। अंग्रेज़ी भी समझ-बोल लेते थे। लेकिन यह सब उनके निजी अध्यवसाय और परिश्रम का परिणाम था।