भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"उपन्यास-एक / केदारनाथ अग्रवाल" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=केदारनाथ अग्रवाल |संग्रह=कुहकी कोयल खड़े पेड़ …)
 
छो ("उपन्यास-एक / केदारनाथ अग्रवाल" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite)))
 
(कोई अंतर नहीं)

15:14, 9 जनवरी 2011 के समय का अवतरण

अँधेरे में
घुसते चले जाते हैं कथाकार
सुरंग का सत्य पकड़ने के लिए
पीछे छोड़कर
जीते जागते जूझते इंसान

रचनाकाल: २५-११-१९६८