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"दिवस शरद के / केदारनाथ अग्रवाल" के अवतरणों में अंतर
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23:35, 9 जनवरी 2011 का अवतरण
मुग्ध कमल की तरह
पाँखुरी-पलकें खोले,
कन्धों पर अलियों की व्याकुल
अलकें तोले,
तरल ताल से
दिवस शरद के पास बुलाते
मेरे सपने में रस पीने की
प्यास जगाते !