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18:23, 21 जनवरी 2011 के समय का अवतरण
खुली आँखें खुले डैने
रचनाकार | केदारनाथ अग्रवाल |
---|---|
प्रकाशक | साहित्य भंडार, ५०, चाहचन्द, इलाहाबाद-३ |
वर्ष | 2009 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | कविताएँ |
विधा | छंदमुक्त कविताएँ |
पृष्ठ | 114 |
ISBN | 978-81-7779-187-7 |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- दाल-भात खाता है कौआ / केदारनाथ अग्रवाल
- कैद है आदमी का सूरज / केदारनाथ अग्रवाल
- तुमने गाए-गीत गुँजाए / केदारनाथ अग्रवाल
- खेल-खेल में उड़ा / केदारनाथ अग्रवाल
- दिक्काल का भोक्ता अहं / केदारनाथ अग्रवाल
- गाँव की सड़क / खुली आँखें खुले डैने / केदारनाथ अग्रवाल
- उनको महल-मकानी / केदारनाथ अग्रवाल
- सभी तो लड़ते हैं / केदारनाथ अग्रवाल
- देने को तो सब देते हैं / केदारनाथ अग्रवाल
- मौत को साधे शब्द / केदारनाथ अग्रवाल
- वह न रहा मेरे पास / केदारनाथ अग्रवाल
- बाँस की बंशी बजाती / केदारनाथ अग्रवाल
- कविता जो न सार्थक हो / केदारनाथ अग्रवाल
- देता भी तो क्या देता मैं तुमको / केदारनाथ अग्रवाल
- गिरे तो गिरते गए / केदारनाथ अग्रवाल
- न घटा जो यहाँ कभी पहले / केदारनाथ अग्रवाल
- चित्त होते हारते चले जाते हैं / केदारनाथ अग्रवाल
- किताब में लिखे तुम / केदारनाथ अग्रवाल
- अब / खुली आँखें खुले डैने / केदारनाथ अग्रवाल
- गए तुम भी / केदारनाथ अग्रवाल
- उड़ी, आई / केदारनाथ अग्रवाल
- देह-दण्ड / केदारनाथ अग्रवाल
- अब पहरुए / केदारनाथ अग्रवाल
- जब जो मैंने कहा / केदारनाथ अग्रवाल
- निरंतर बना रहेगा / केदारनाथ अग्रवाल
- सुबह से शाम तक / केदारनाथ अग्रवाल
- घना कोहरा / केदारनाथ अग्रवाल
- लेनिन / केदारनाथ अग्रवाल
- मरना होगा / केदारनाथ अग्रवाल
- पात पुरातन लेकर / केदारनाथ अग्रवाल
- जाते-जाते भी / केदारनाथ अग्रवाल
- फूलों ने होली / केदारनाथ अग्रवाल
- चन्द्र चमत्कृत / केदारनाथ अग्रवाल
- अच्छा लगता है / केदारनाथ अग्रवाल
- मैं जिलाए और जगाए ही रहूँगा / केदारनाथ अग्रवाल
- देखा, पास पहुँचकर देखा / केदारनाथ अग्रवाल
- मेरी कलम चोंच से लिखती / केदारनाथ अग्रवाल
- नींद आई भी न आई / केदारनाथ अग्रवाल
- जी आया / केदारनाथ अग्रवाल
- जो रुचिर रुचि से रची हो / केदारनाथ अग्रवाल
- सब कुछ देखा / केदारनाथ अग्रवाल
- निशा-निशाकर का / केदारनाथ अग्रवाल
- भरते-भरते / केदारनाथ अग्रवाल
- जन के पथ की / केदारनाथ अग्रवाल
- चारु चरित्री / केदारनाथ अग्रवाल
- न जवान / केदारनाथ अग्रवाल
- साक्षी है / केदारनाथ अग्रवाल
- अजीब आदमी हो जी! / केदारनाथ अग्रवाल
- जो न होना था हुआ / केदारनाथ अग्रवाल
- प्यार-पलाश / केदारनाथ अग्रवाल
- यह जो मेरा अंतःकरण है / केदारनाथ अग्रवाल
- न पत्थर चूमता है पत्थर को / केदारनाथ अग्रवाल
- नेतृत्व का नायक / केदारनाथ अग्रवाल
- तुम / खुली आँखें खुले डैने / केदारनाथ अग्रवाल
- बादल पंख बने / केदारनाथ अग्रवाल
- ऊपर गर्जन-तर्जन करते / केदारनाथ अग्रवाल
- चला भी न चला वह / केदारनाथ अग्रवाल
- प्रकाशित खड़ा है / केदारनाथ अग्रवाल
- सब हैं व्यस्त / केदारनाथ अग्रवाल
- अंबर का छाया मेघालय / केदारनाथ अग्रवाल
- सूरदास ने कभी कहा था / केदारनाथ अग्रवाल
- दिन का दर्पण / केदारनाथ अग्रवाल
- मैदान में / केदारनाथ अग्रवाल
- सुबह / केदारनाथ अग्रवाल
- धूप-धुपाया / केदारनाथ अग्रवाल
- धरती घूमी / केदारनाथ अग्रवाल
- हाथ से बेहाथ होकर / केदारनाथ अग्रवाल
- मालवा में गीत मेरे गूँज जाएँ / केदारनाथ अग्रवाल
- मेरा फूल नहीं खिलता है / केदारनाथ अग्रवाल
- कल, दुर्गा की / केदारनाथ अग्रवाल
- मेरे ही प्रतिरूप पेड़ पर / केदारनाथ अग्रवाल
- आदमी का जाया / केदारनाथ अग्रवाल
- मनहर जैविक / केदारनाथ अग्रवाल
- बिजली बनी / केदारनाथ अग्रवाल
- बकझक-बकझक / केदारनाथ अग्रवाल
- उड़कर आए / केदारनाथ अग्रवाल
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- जन्म-मरण का होना / केदारनाथ अग्रवाल
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- यह-दैहिक / केदारनाथ अग्रवाल
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