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हिरोशिमा की पीड़ा / अटल बिहारी वाजपेयी
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11:39, 28 जनवरी 2011
<poem>
किसी रात को
मेरी नींद
आचानक
चानक
उचट जाती है
आँख खुल जाती है
मैं सोचने लगता हूँ कि
Dr. Manoj Srivastav
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