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"तुम गाती हो / अनिल जनविजय" के अवतरणों में अंतर

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तुम गाती हो
 
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गाती हो जीवन का गीत
 
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और धूप-सी खिल जाती हो
 
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तुम गाती हो
 
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गाती हो सौन्दर्य का गीत
 
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और फूल-सी हिल जाती हो
 
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तुम गाती हो
 
तुम गाती हो
 
 
गाती हो प्रेम का गीत
 
गाती हो प्रेम का गीत
 
 
और रक्त में मिल जाती हो
 
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मैं चाहूँ यह
 
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तुम गाओ हर रोज़ सवेरे
 
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कोई समय हो
 
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हँसी हमेशा रहे तुम्हें घेरे
 
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1998 में रचित
 
1998 में रचित
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12:38, 8 फ़रवरी 2011 के समय का अवतरण

तुम गाती हो
गाती हो जीवन का गीत
और धूप-सी खिल जाती हो

तुम गाती हो
गाती हो सौन्दर्य का गीत
और फूल-सी हिल जाती हो

तुम गाती हो
गाती हो प्रेम का गीत
और रक्त में मिल जाती हो

मैं चाहूँ यह
तुम गाओ हर रोज़ सवेरे
कोई समय हो
हँसी हमेशा रहे तुम्हें घेरे

1998 में रचित