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"प्रार्थना(कविता का अंश ) / चन्द्रकुंवर बर्त्वाल" के अवतरणों में अंतर
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मेरे पाप भुला दो करूणामय निज मन से, | मेरे पाप भुला दो करूणामय निज मन से, |
16:42, 20 फ़रवरी 2011 के समय का अवतरण
कविता का एक अंश ही उपलब्ध है। शेष कविता आपके पास हो तो कृपया जोड़ दें या कविता कोश टीम को भेजें ।
प्रार्थना(कविता का अंश )
मेरे पाप भुला दो करूणामय निज मन से,
आओ देखो दुख में डूबे हुये नयन ये
यदि न अभी भी यह उर सुन्दर स्वचछ हुआ हो,
ते दुख में ही रहने देना कुछ दिन मुझको।
ळो यदि स्वच्छ लगााना उर से और नयन से।
(मेध नंदिनी पृष्ठ 24 )