Changes

"[[एक रहगुज़र पर / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़]]" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite))
{{KKRachna
|रचनाकार=फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
|संग्रह= नक़्शे-फ़रियादी / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
}}
[[Category:ग़ज़ल]]{{KKCatNazm}}<poem>वो जिसकी दीद में लाखों मस्सरतें पिन्हांमसर्रतें<ref>ख़ुशियाँ</ref> पिन्हाँवो हुस्न जिसकी तमन्ना मे में जन्नतें पिन्हां पिन्हाँ
हज़ार फित्ने <ref>उपद्रव</ref> तहे-पा-ए-नाज़ खाकनशीं<ref>सुंदरता के पैर के नीचे</ref> ख़ाकनशींहर एक निगाह खुमारेख़मारे-शबाब <ref>यौवन-मद</ref> से रंगीं
शबाब, जिससे तखय्युल तख़य्युल<ref>कल्पना</ref> पे बिजलियां बिजलियाँ बरसेंविक़ार <ref>गरिमा</ref> जिसकी रक़ाबत <ref>साथ</ref> को शोखियां शोख़ियाँ तरसें
अदा-ए-लग्ज़िशेलग़्ज़िशे-पा <ref>पैरों के काँपने का ढंग</ref> पर क़यामतें क़ुर्बांबयाज़े-रुख रुख़<ref>चेहरे का गोरा रंग</ref> पे सहर की सबाहतें <ref>सफ़ेदी, रौशनी</ref> क़ुर्बां
सियाह ज़ुल्फों ज़ुल्फ़ों में वारफ्ता वारफ़्तः<ref>बहती हुई</ref> नकहतों <ref>सुगंध</ref> तो हुजूमतवील रातों की ख्वाबीदा ख़्वाबीदः राहतों का हुजूम
वो आंख आँख जिसके बनाव बना’व पे खालिक ख़ालिक<ref>सृष्टा</ref> इतरायेज़बाने-शेर शे’र को तारीफ तारीफ़ करते शर्म आये
वो होंठ फ़ैज़ से जिनके बहारे-लालाफरोशलालःफरोशबहिश्तोबहिश्त-कौसरो-तसनीमोकौसर-ओ-तसनीम-ओ-सलसबील <ref>जन्नत और उसकी नहरें</ref> ब-दोश <ref>कंधे पर लिए हुए</ref>
गुदाज़-जिस्म, क़बा जिस पे सज के नाज़ करे
दराज़ क़द जिसे सर्वे-सही <ref>सर्व के सीधे पेड़</ref> नमाज़ करे
गरज़ ग़रज़ वो हुस्न जो मोहताज़ेमोहताज-वस्फो-वस्फ़-ओ-नाम<ref>परिचय या नाम का मुहताज</ref> नहींवो हुस्न जिसक जिसका तस्सवुर बशर <ref>मनुष्य</ref> का काम नहीं
किसी ज़माने में इस रहगुज़र से गुज़रा था
ब-सद-गुरूरोग़ुरूरो-तजम्मुल <ref>सैकड़ों अभिमान और रूप लेकर</ref> इधर से गुज़रा था
और अब ये राहगुज़र भी है दिलफरेबोदिलफरेब-ओ-हसींहै इसकी खाक ख़ाक मे कैफेकैफ़-ए-शराब-शराबो-शेर मक़ीं शे’र<ref>मदिरा और कविता की मादकता</ref> मकीं<ref>बसा हुआ</ref>
हवा मे शोखीशोख़ी-ए-रफ्तार रफ़्तार<ref>चाल की अदाएं चंचलता</ref> की अदाएँ हैंफज़ा फ़ज़ा मे नर्मी-ए-गुफ्तार गुफ़्तार<ref>वाणी की कोमलता</ref> की सदाएं सदाएँ हैं
गरज़ वो हुस्न अब इस जा का जुज्वेज़ुज़्वे-मन्ज़र मंज़र<ref>दृश्य का अंश</ref> हैनियाज़ेनियाज़-ए-इश्क़ <ref>प्रेम की कामना</ref> को इक सिज्दागह सिज्दःगह मयस्सर है</poem>{{KKMeaning}}
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,282
edits