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<poem>
चलो सहेली, चलो रे साथी, ओ पकड़ो-पकड़ोरे इसे न छोड़ो, अरे बैंया न मोड़ोज़रा ठहर जा भाभी, जा रे सराबीक्या हो राजा, गली में आजाहोली रे होलीभंग , भांग की गोलीओ नखरे वाली, दूँगी मैं गालीओ रामू की साली, होली रे होली
होली के दिन दिल खिल जाते हैं रंगों में रंग मिल जाते हैं
आ तेरे गुलाबी गालों से थोड़ा सा गुलाल चुरा लूँ
जा रे जा दीवाने तू होली के बहाने तू छेड़ न मुझे बेशरम
पूच पूछ ले ज़माने से ऐसे ही बहाने से लिए और दिए दिल जाते हैं
होली के दिन दिल ...