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"उत्सव के रंग / परमेन्द्र सिंह" के अवतरणों में अंतर

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19:13, 15 मार्च 2011 के समय का अवतरण

चाहता हूँ
होली खेलने से पहले
नहाकर, सारा मैल धोकर
स्वयं को चमका लूँ

कि हर रंग
बहुत गहरे उतरे
और मन में अंकित कर दे
जीवन का इन्द्रधनुषी पहलू।

चाहता हूँ
होली खेलते वक़्त
पहनूँ सफ़ेद कपड़े
कि जन्म हो कैनवास पर
उत्सव की अनूठी कलाकृति का।

चाहता हूँ
होली खेलने के बाद
सँभालकर रखूँ इस कृति को
कि जब भी उदास होऊँ
हर रंग याद दिलाए
कि हम
उत्सव के रंग हैं

तुम्हारे आँसू हमें धुँधला नहीं सकते।