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{{KKRachna
|रचनाकार=सुमित्रानंदन पंत
}}{{Template:KKAnthologyDiwali}}{{KKCatKavita}}<poem>माँ! अल्मोड़े में आए थे
जब राजर्षि विवेकानंदं,
तब मग में मखमल बिछवाया,
स्वामी जी तो प्रभावान हैं
वे प्रदीप थे पूजन के।"
</poem>