Changes

{{KKRachna
|रचनाकार=ठाकुरप्रसाद सिंह
|संग्रह=वंशी और मादल/ ठाकुरप्रसाद सिंह
}}
{{KKCatNavgeet}}<poem>
फूला, इचाक पलाश लो फूला
 
आ, अमराइयों में प्रिय मेरी
 
ग्रीष्म के अंधड़ का पड़ा झूला
 
पलाश लो फूला
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,226
edits