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"यह भी अजब तमाशा है / शतदल" के अवतरणों में अंतर
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22:11, 25 मार्च 2011 के समय का अवतरण
यह भी अजब तमाशा है ।
जिसको देखो प्यासा है ।
प्यार तुम्हारा क्या कहने
पानी-धुला बताशा है ।
फूलों और बारुदों की
अपनी-अपनी भाषा है ।
मुखिया मेरी बस्ती का
बना गोगियापाशा है ।