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इन्क़लाब ए बहार / ज़िया फ़तेहाबादी
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01:34, 7 अप्रैल 2011
दिल से दाग़ ए सोज़ ए नाकामी फ़ना हो जाएगा
अब बहार आती है, आलम गुलक़दा हो जाएगा
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Ravinder Kumar Soni
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