Changes

(29)
 
जयति निर्भरानंद-संदोह कपिकेसरी, केसरी-सुवन भुवनैकभर्ता।
दिव्यभूम्यंजना-मंजुलाकर-मणे, भक्त-संताप-चिंतापहर्ता।1।
 
जयति धर्मार्थ-कामापवर्गद विभो, ब्रह्मलोकादि-वैभव-विरागी।
वचन -मानस-कर्म सत्य-धर्मव्रती, जानकीनाथ-चरणानुरागी।2।
 
जयति बिहगेश-बलबुद्धि-बेगाति-मद-मथन, मनमथ-मथन,ऊर्ध्वरेता।
महानाटक-निपुन, कोटि-कविकुल-तिलक, गानगुण-गर्व-गंधर्व-जेता।3।
 
जयति मंदोदरी-केश-कर्षण, विद्यमान दशकंठ भट-मुकुट-मानी।
भूमिजा-दुःख-संजात रोषांतकृत-जातनाजंतु कृत जातुधानी।4।
 
जयति रामायण-श्रवण-संजात-रोमांच, लोचन सजल, शिथिल वाणी।
रामपदपद्म -मकरंद-मधुकर, पाहि , दास तुलसी शरण, शूलपाणी।5।
 
(30)
 
जके गति है हनुमान की।
ताकी पैज पुजि आई, यह रेखा कुलिस पषानकी।1।
Mover, Reupload, Uploader
7,916
edits