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ऐ मेरे वतन के लोगों / प्रदीप

2 bytes added, 07:25, 15 अप्रैल 2011
|रचनाकार = प्रदीप
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ऐ मेरे वतन के लोगों
लहरा लो तिरंगा प्यारा
पर मत भूलो सीमा पर
वीरों ने है हैं प्राण गँवाए
कुछ याद उन्हें भी कर लो -२
जो लौट के घर न आये -२
जब हम बैठे थे घरों में
वो झेल रहे थे गोली
थे धन्य जवान वो आपनेअपने
थी धन्य वो उनकी जवानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
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