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"पिता के लिए / प्रेमशंकर शुक्ल" के अवतरणों में अंतर

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00:57, 19 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण

यहीं कहीं बिखरी है

राख तुम्हारी


यहीं कहीं से

वह चिंगारी


मेरे भीतर

समा गई

है